देव श्रीमाली, GWALIOR. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा है कि सरकार आदिवासियों एवं आदिवासी संगठन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं पर जुर्म करना बंद करें। डॉ. सिंह ने कहा आदिवासी वर्ग पर लगाये गये सभी फर्जी मुकदमे तत्काल वापस कर उन्हें रिहा किया जाए।
बिरसा मुंडा की जयंती मनाने वालों को गिरफ्तार करना दुखद
डॉ. गोविंद सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि 15 नवंबर 2022 को जब पूरा देश आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा की जयंती मना रहा था तब रतलाम में राजनैतिक द्वेषवश पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं डॉ. अभय ओहरी, डॉ. आनंद राय, विलेश खराड़ी, गोपाल वाघले और अनिल निनामा को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार कर उन पर प्रकरण कायम कर दिये गए, साथ ही पूरे आदिवासी समुदाय को अपमानित किया गया।
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रतलाम में भी निर्दोष आदिवासियों की गिरफ्तारी की
डॉ. सिंह ने कहा है कि रतलाम के स्थानीय आदिवासियों द्वारा ग्राम सभाओं की बिना सहमति से दिल्ली, मुम्बई, नेशनल कॉरिडोर तथा निवेश क्षेत्र बनाने का विरोध किया जा रहा है, क्योंकि आदिवासियों की जिस जमीन पर उक्त कॉरिडोर बन रहा है, वह उनके जीविकोपार्जन का मात्र एक साधन है। इस संबंध में आदिवासियों ने संवैधानिक अधिकार के तहत जनप्रतिनिधियों से पूछताछ की तो उनके ऊपर फर्जी मुकदमें दर्ज कर दिये गये। उक्त संबंध में आदिवासी संगठन द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदया को भी पत्र प्रेषित किया गया है। उक्त आदिवासी नेताओं को जिस जेल में भेजा गया है, वहां पर आद्यतन अपराधी रखे गए हैं।
सरकार नही सुन रही आदिवासियों की बात
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को स्मरण कराते हुए कहा है कि आपकी सरकार में आदिवासियों को लेकर तमाम कार्यक्रम, घोषणाएं और कानून बनाने की पहल की है, लेकिन देखने में आ रहा है कि आदिवासियों को उनका वाजिब हक नहीं मिल पा रहा है और न ही उनकी बात सुनी जा रही है। डॉ. सिंह ने कहा है कि आदिवासियों और सामाजिक कार्यकर्ता पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस किये जाए और दमनात्मक कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।